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Tuesday, August 14, 2012

गर हमारा दिल होता



गर हमारा दिल होता

हम सुनते तेरी बाते भी
हँसते रोते संग तेरे
कुछ काम तेरे आते भी


मेरी कहानी में खुशियाँ ना

है दुख की दिवार खड़ी
गर हमारा दिल होता
हम सुनते तेरी बाते भी


कब से जाने पत्थर है

कोई धडकन इसमें ना आई
प्रेम किरण है पड़ती ना
बस मिलती है जी परछाई
गर हमारा दिल होता
हम सुनते तेरी बाते भी


है कुछ भी आपात नहीं

ये बेमौसम बरसात नहीं
बरसों तक पड़ती चोट रही
दिल रखा जी हम ने पाक साफ़
नियत में उसकी खोट रही
गर हमारा दिल होता
हम सुनते तेरी बाते भी


फूलो की खुश्बू ना भाए

न अच्छी अब बरसात लगे
कोयलिया की कुक नहीं
काँटों से हालात लगे
गर हमारा दिल होता
हम सुनते तेरी बाते भी


मान की तू भी कोयल है

वानी की तू भी कोमल है
है नयन नक्श और सूरत भी
तू दिल को धड़का जाए
कइयों की ज़रूरत भी
गर हमारा दिल होता
हम सुनते तेरी बाते भी


पर मै पत्थर

दिल है पत्थर
कोई अब ना बात बने
मुझमें ना ज़ज्बात बचे
यू समय व्यर्थ गवाओं ना
मुझकों इतना चाहो ना


: शशिप्रकाश सैनी


PS : This is a guest post on DVD ,as I have recently made the new page about DVD accepting the Guest Posts.This post is written by  Shashiprakash Saini who blogs here.About him I can only say that he is an artist who writes hindi poetry from his heart.I love reading his Poetry.His Blog is full of hindi poetry , you will love reading it.



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